निर्भया दोषियों की डेथ वारंट पर सुनवाई 7 जनवरी 2020 तक टली

अब इस मामले में पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई जारी है. माना जा रहा है कि कोर्ट आज चारों दोषियों का डेथ वॉरंट जारी कर सकता है. सुप्रीम कोर्ट ने निर्भया गैंगरेप के गुनाहगार अक्षय ठाकुर की पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया.
पिछली सुनवाई के दौरान पटियाला हाउस कोर्ट ने कहा था कि मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित हैं. ऐसे में हम डेथ वॉरंट जारी नहीं कर सकते. लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया है. जिसके बाद अब दोषियों की पटियाला हाउस कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई हो रही है.

LIVE UPDATES:

-पटियाला हाउस कोर्ट में डेथ वारंट पर सुनवाई टल गई है. अब इस मामले में 7 जनवरी 2020 को अगली सुनवाई होगी.
-एमिकस क्यूरी ने कोर्ट को कहा कि इस मामले में आपको (जज) कुछ समय लेना चाहिए क्योंकि इस केस में जल्दबाजी के बजाय सही फैसला लेना ज्यादा जरूरी है.
-वकील ने कहा कि हालांकि उनमें नियमों का पालन करना होता है, जो सुप्रीम कोर्ट ने फांसी के लिए बनाए हैं.
-सरकारी वकील राजीव मोहन ने कहा कि दया याचिका से पहले डेथ वारेंट जारी किया जा सकता है
-जेल प्रशासन का कहना है कि दोषी मुकेश दया याचिका नहीं देना चाहता है. इसके अलावा दोषी विनय अपनी दया याचिका वापस ले चुका है.
-पटियाला हाउस कोर्ट में दोषी मुकेश की तरफ से कोई वकील पेश नहीं हुआ है.
-निर्भया के माता-पिता के वकील ने डेथ वारंट जल्द जारी करने की मांग की है.

क्या होता है डेथ वारंट?

कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसीजर-1973, यानी दंड प्रक्रिया संहिता- 1973 (CrPC) के तहत 56 फॉर्म्स होते हैं. फॉर्म नंबर 42 को डेथ वारंट कहा जाता है. इसके ऊपर ‘वारंट ऑफ एक्जेक्यूशन ऑफ अ सेंटेंस ऑफ डेथ’ लिखा होता है. वहीं इसे ब्लैक वारंट भी कहा जाता है. इसके जारी होने के बाद ही किसी व्यक्ति को फांसी दी जाती है.
अगर निर्भया रेप और मर्डर मामले में दोषी पाए गए चारों अभियुक्तों को अदालतों या राष्ट्रपति से राहत नहीं मिलती है तो उन्हें फांसी पर लटकाने के लिए इसी फॉर्म नंबर 42 यानी ब्लैक वारंट का इस्तेमाल किया जाएगा.

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